अर्थव्यवस्था में सुधार का सिग्नल, जीएसटी कलेक्शन 1 लाख के पार

अर्थव्यवस्था में सुधार का सिग्नल, जीएसटी कलेक्शन 1 लाख के पार

कोरोना काल में हिचकोले खाती अर्थव्यवस्था की गाड़ी के बारे में गुड न्यूज़ आई है। इकोनॉमी में सुधार के संकेत नज़र आने लगे हैं। वित्त मंत्रालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक लगातार दूसरे महीने जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार चला गया है। अर्थव्यवस्था के लिए ये बेहद शुभ संकेत माना जा रहा है। नवंबर महीने में जीएसटी का कलेक्शन 1 लाख 4 हज़ार 963 करोड़ रुपये रहा है। ये पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में ज्यादा है। पिछले साल नवंबर के महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हज़ार 491 करोड़ रहा था, जो इस साल के कलेक्शन के मुक़ाबले 1.4 फीसदी कम था।

कोरोना का संकट आने के बाद लॉकडाउन की वजह से फरवरी महीने के बाद लगातार दूसरी बार जीएसटी से आने वाला राजस्व 1 लाख करोड़ के पार चला गया है। हालांकि, अक्टूबर की तुलना में नवंबर के महीने में कलेक्शन थोड़ा कम रहा है। अक्टूबर 2020 में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 5 करोड़ रुपये रहा था। कोरोना काल की वजह से इस साल के 11 महीनों में से 7 महीनों में जीएसटी कलेक्शन का बुरा हाल रहा था और ये 1 लाख करोड़ के नीचे रहा है।

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2020                GST संग्रह

जनवरी         1,10,000 करोड़

फरवरी         1,05,366 करोड़

मार्च           97,597 करोड़

अप्रैल          32,294 करोड़

मई            62,009 करोड़

जून            90,917 करोड़

जुलाई          87,422 करोड़

अगस्त         86,449 करोड़

सितंबर         95,480 करोड़

अक्टूबर        1,05,155 करोड़

नवंबर          1,04,963 करोड़

जीएसटी कलेक्शन के साथ-साथ एसजीएसटी, वस्तुओं के आयात से मिलने वाले राजस्व और डोमस्टिक ट्रांजैक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है। विदेशी सामान के इम्पोर्ट से नवंबर 2020 में नवंबर 2019 की तुलना में रेवेन्यू 4.9 प्रतिशत अधिक रहा है। नवंबर महीने की अवधि में डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से मिला राजस्व पिछले साल नवंबर महीने की तुलना में 0.5 फीसदी ज्यादा रहा है।

अर्थव्यवस्था में तेज़ी से सुधार का सिग्नल मिलना शुरू हुआ तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की जीडीपी में तेज़ी का अनुमान लगाना शुरू कर दिया है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘’स्टैंडर्ड एंड पूअर्स’’ ने भारत की जीडीपी अगले वित्त वर्ष में

10 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया है। मूडीज, गोल्डमैन सैक्स और बार्कलेज ने भी फाइनेंसियल ईयर 2020-21 के लिए जीडीपी के अनुमान में सुधार की उम्मीद जताई है।

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