झुग्गियों में भर रहे खुशियों के रंग, पटना नगर निगम की मुहिम के संग

झुग्गियों में भर रहे खुशियों के रंग, पटना नगर निगम की  मुहिम के संग

जिन गन्दी बस्तियों में जिंदगी बदरंग नज़र आती थी, वहां अब खुशियों के रंग भरने लगे हैं। सुविधाओं के पंख नहीं हैं, फिर भी उम्मीदें ऊंची उड़ान भर रही हैं। नज़ारा बदला तो यहां रहने वालों का नज़रिया भी बदला। हताश और निराश नौनिहालों की बस्तियों में उम्मीद का दीया जलने लगा है। अरमान अब आसमान छूने लगे हैं। मन में जज्बा जागा है कि कुछ कर दिखाना है। निराशा की धुंध में आशा की किरण जगाई है पटना नगर निगम ने। स्वच्छता के मिशन के साथ-साथ पढ़ने-लिखने और कुछ कर गुजरने का सन्देश दिया जा रहा है।

पटना की झुग्गियों की दीवारों पर पढ़ने-पढ़ाने का संदेश

शौचालय तो पहले से ही बन रहे थे, अब उन्हें पेंटिंग से सजाया जा रहा है। ये हिस्सा है एक खूबसूरत मिशन का, जिसका नाम है “ब्लू कलर कैम्पेन”

“ब्लू कलर कैम्पेन” के तहत नीले रंग में रंगे जा रहे स्लम के शौचालय

पटना के स्लम एरिया में आजकल विकास की गंगा बह रही है।  नगर निगम ने 100 झुग्गी-झोपड़ी वाली बस्तियों तक बुनियादी सुविधायें पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। सार्वजनिक टॉयलेट बनाये जा रहे हैं, सड़कें बनाई जा रही हैं, बिजली सप्लाई को अपग्रेड किया जा रहा है और पीने का साफ पानी भी पहुंचाया जा रहा है। इसी कड़ी में “ब्लू कलर कैम्पेन” के तहत शौचालयों को चमकीले नीले रंग से रंगा जा रहा है।

पटना आर्स्ट कॉलेज की छात्राओं के साथ स्लम की दीवारों पर रंग उकेरते नन्हे बच्चे

सोने पे सुहागा की तर्ज पर नीले रंग के अलावा कुछ दीवारों पर बेहतरीन पेंटिंग भी कराई जा रही और इस काम में मदद कर रहे हैं पटना आर्ट्स कॉलेज के छात्र।  लेकिन ख़ास बात ये है कि इन आर्टिस्ट छात्रों के साथ झुग्गियों में रहने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी हाथ में ब्रश लिए दीवारों पर अपनी कल्पना के रंग उढ़ेल रहे हैं।

इस बेहद नए और अपने तरह के अनोखे अभियान के लिए पटना नगर निगम के हेडक्वार्टर में एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर के नेतृत्व में एक अलग सेक्शन बना दिया गया है। नतीजा ये हुआ कि नज़ारा बदलने लगा है। 100 में से 25 से भी ज्यादा बस्तियां चमकने लगी हैं। कल्पना कीजिये, जब सभी बस्तियां रंग दी जाएंगी तो तस्वीर क्या होगी। पटना की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे।

गाढ़े लाल रंग में रंगे जा रहे हैं सार्वजनिक शौचालय

पटना नगर निगम की इस पेंटिंग वाली पहल का असर दिखने लगा है। गन्दी और बदबूदार बस्तियों के दिन फिरने लगे हैं। यहां रहने वाले बच्चों के चेहरों पर मुस्कान खिलने लगी है। झुग्गी-झोपड़ी वाली बस्तियों में पढ़ाई-लिखाई की अलख जग चुकी है। किस्मत ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। प्रेरणा की ऐसी बयार बही है कि टॉयलेट की दीवारों पर बनी तस्वीरें तकदीर बदलने का काम कर रही हैं। गाय घाट, गुलजारीबाग़, रानीपुर, छोटी पहाड़ी, बड़ी पहाड़ी, नया टोला, बेलवरगंज, भद्रा घाट जैसे इलाकों में “ब्लू क्रांति” से आये बदलाव दिखने लगे हैं।

खूबसूरत रंगों से बदली पटना के झुग्गियों की तस्वीर

चुनाव के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी नई सरकार राज्य की आम जनता की ज़िंदगी मे नए रंग भरने के लिए नई-नई स्कीमें ला रही है। पटना नगर निगम भी इसमें अपने हिस्से का योगदान दे रहा है। पटना को स्वच्छ, सुंदर और रंगीन बनाने वाले मिशन “ब्लू कलर कैम्पेन” का एक-एक काम पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा और अपर नगर आयुक्त डी पी तिवारी की देखरेख में चल रहा है।  कोशिशें कामयाब हो रही हैं। मिशन कामयाब हो रहा है।

“ब्लू कलर कैम्पेन” वो हथियार है जो स्वच्छता की जंग में भी पटना को बहुत बड़ी जीत दिला सकता है। याद कीजिये, साल 2020 में जब केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण का नतीजा निकला था तो पटना अंतिम पायदान पर था । 2021 में पटना नगर ने देश के सबसे साफ शहरों की श्रेणी में जगह बनाने का लक्ष्य रखा है। यकीन मानिए, “ब्लू कलर कैम्पेन” सम्राट अशोक की इस धरती को उस मंज़िल तक पहुंचाने की मुहिम में मील का पत्थर साबित होगा

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